चंद लोगों की जेबें भरने की कीमत चुका रहा पांवटा।
चंद लोगों की जेबें भरने की कीमत चुका रहा पांवटा।
हर तरफ बेलगाम डंपर का खौफ, हिट एंड रन के कईं मामलों से भी सबक न ले पाया प्रशासन, अब नघेता ने खोया नौजवान।
पांवटा साहिब के विभिन्न क्षेत्रों मे चल रहे खनन कार्य हिमाचल और उत्तराखंड के चंद खनन संचालकों की जेबें भर रहे हैं लेकिन इनका खामियाज़ा पांवटा साहिब को चुकाना पड़ रहा है। आए दिन खनन से जुड़े इन बेलगाम डंपर की चपेट मे कोई न कोई स्थानीय आ जाता है। लेकिन इनके हौंसले इतने बुलंद है कि इनकी स्पीड फिर भी कम नही होती। ताजा नतीजा रविवार को हरिपुर टोहाना के पास सामने आया है जिसमे एक युवा माइनिंग गार्ड की दर्दनाक मौत हुई। उक्त रोड़ सहित रामपुरघाट मार्ग पर भी हिट एंड रन के कईं मामले सामने आ चुके हैं लेकिन प्रशासन की चुप्पी के कारण ये बेलगाम ही रहे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो इन डंपर मे चक्कर की होड़ मे रेस लगती है। ये इतनी तेज रफ्तार से दौडते हैं कि लोग सड़क पर चलने से भी कतराने लगे हैं।
हालांकि कईं स्थानों पर प्रशासन ने इनके चलने का समय भी निर्धारित किया है लेकिन यह नही रूकते। संपर्क मार्ग से रिहायश इलाकों तक से चोरी से निकलने से भी गुरेज नही करते। पांवटा साहिब मे रामपुरघाट, बातामंडी, नवादा, मानपुर देवड़ा और भटरोग आदि मे क्रशर से बड़ी संख्या मे रेत व क्रशर लेकर पांवटा साहिब की सडकों से सैंकड़ों टिप्पर और डंपर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की तरफ निकलते हैं। जब इनकी रैली निकलती है तो छोटे वाहन वालों को किनारे खड़ा होना पडता है वरना इनकी चपेट मे आने की पूरी संभावना रहती है। सूत्रों की माने तो इस व्यवसाय मे बड़ी राजनैतिक पंहुच वाले लोग ज्यादा है। यही कारण है कि पुलिस व प्रशासन की कारवाई कहीं न कहीं पंगु नजर आती है। हालांकि एक युवा माइनिंग गार्ड की दर्दनाक मौत ने सिस्टम को झकझोर कर रख दिया है और इन बेलगाम डंपर पर लगाम लगाने की योजना भी बन गई है। अब दिन के समय इन डंपर और टिप्पर के चलने पर पाबंदी होगी। ये रात के 9 बजे से सुबह पांच बजे तक चल पायेंगे। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने भी सैंकड़ों लोगों के सामने ये आश्वासन दिया है। अब देखना यह होगा कि कथित टैक्स चोरी कर पैसा कूटने वाले क्रशर संचालकों पर यह पाबंदी कब तक रहेगी।